आईवीएफ का पूरा नाम क्या है और यह कैसे काम करता है
June 27, 2025आईवीएफ प्रक्रिया क्या है
IVF यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसी तकनीक है जिससे संतान नहीं होने पर भी माता-पिता बनने का सपना पूरा किया जा सकता है। इसमें महिला के अंडाणु (एग) और पुरुष के शुक्राणु को शरीर के बाहर लैब में मिलाया जाता है। जब अंडाणु और शुक्राणु मिलकर भ्रूण (baby का पहला रूप) बना लेते हैं, तब उसे महिला के गर्भ में डाला जाता है ताकि वह बच्चा बन सके।
यह प्रक्रिया उन दंपतियों के लिए होती है जो कई सालों से बच्चा चाह रहे हैं लेकिन किसी कारण से प्राकृतिक रूप से गर्भ नहीं ठहर पा रहा। IVF एक सुरक्षित और सफल तरीका है, जिसने लाखों परिवारों को खुशियाँ दी हैं। यह तकनीक आजकल बहुत आम होती जा रही है और कई लोग इससे माता-पिता बन चुके हैं।

सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं…
- निःशुल्क परामर्श की उपलब्धता
- IVF के लिए आसमान छूती सफलता दर
- IVF के लिए सस्ती लागत
- प्रजनन उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता।
- IUI, ICSI जैसी अन्य ART तकनीकों और अंडे और शुक्राणु को फ्रीज करने जैसी प्रक्रिया की उपलब्धता।
- Contact us Email ID: [email protected]
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सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र का चयन कैसे करें?
- सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र का चयन करने के लिए, कुछ सरल तरकीबें हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं:
- कभी भी किसी आईवीएफ सेंटर का चयन करने से पहले उसके बारे में जानें, अच्छे तरीके से रिसर्च करें।
- उसके ऑनलाइन समीक्षाएँ पढ़े। लोगो से जाने जिन्होनें उस सेंटर से इलाज लिया हो।
- केंद्र की लागत देखे कम है की नहीं।
- ये ध्यान दे कि उसआईवीएफ सेंटर की सफलता दर उच्च है की नहीं
- केंद्र की सुविधाओं के बारे में जाने, पता करे कि उनके पास शिक्षित और कुशल डॉक्टर हैं की नहीं, ये भी जाने की वे उपचार के लिए उपकरणों से काम करते हैं की नहीं।
आईवीएफ क्या है?
आईवीएफ एक प्रकार का उपचार है उन लोगों के लिए जो बच्चा नहीं कर पाते। बच्चा ना कर पाना मतलब कपल्स इनफर्टिलिटी से परेशान है। बांझपन एक प्रकार की स्थिति है इसमे दम्पति प्राकृतिक गर्भाधान की मदद से बचा नहीं सकते। अगर कपल एक साल से बच्चा करने की कोशिश कर रहा है परंतु नहीं हो पा रहा तो मतलब वे इनफर्टिलिटी से जूझ रहा है।
तो आईवीएफ वही एक तरीका है जिससे बांझपन को दूर किया जा सकता है। आईवीएफ में कपल्स से अंडा और स्पर्म लिया जाता है जिसे प्रयोगशाला डिश में मिक्स किया जाता है ताकि भ्रूण मिले। उस एम्ब्र्यो को औरत के गर्भाशय में डाला जाता है. ताकि औरत प्रेग्नेंट हो सके और उसकी लाइफ में बेबी आ जाए। आईवीएफ की भी कुछ स्थितियां होती हैं कि पुरुष बांझपन है या महिला बांझपन। उसी हिसाब से उपचार किया जाता है और दानकर्ता उपयोग होते हैं।
आईवीएफ महत्वपूर्ण क्यों है:
- अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब
- पुरुष बांझपन
- अस्पष्टीकृत बांझपन
- पीसीओएस या एंडोमेट्रियोसिस
- आयु से संबंधित प्रजनन संबंधी समस्याएं
आईवीएफ प्रक्रिया कैसे होती है?
आईवीएफ प्रक्रिया को करने के लिए कुछ चरणों का पालन करना पड़ता है:
पहले तो आपको आईवीएफ डॉक्टर से परामर्श लेना पड़ेगा। वो आपके मामले का विश्लेषण करेगा या बताएगा आपको आपकी बांझपन के बारे में पता है और आपके बांझपन के कारण के बारे में मुझे पता है। और साथ-ही-साथ आपको समाधान देगा।
दूसरे चरण में आपको हार्मोनल इंजेक्शन लगाए जाएंगे अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए ताकि अंडाशय अंडे ज्यादा पैदा कर सकें।
इस चरण में जब अंडे परिपक्व हो जाएं तब अंडों को एक उपकरण की मदद से निकाल लिया जाता है जिसे अंडा पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया कहा जाता है। इसमे कैथेटर का उपयोग किया जाता है अंडा संग्रह के लिए। उसी दिन स्पर्म भी लिया जाता है मेल पार्टनर से।
चौथा चरण, अंडे और शुक्राणु को मिक्स किया जाता है एक प्रयोगशाला डिश में ताकि भ्रूण बने। फ़िर उस भ्रूण को महिला को गर्भाशय में डाल दिया जाता है गर्भावस्था विकसित करने के लिए।
एम्ब्र्यो ट्रांसफर के 12 या 15 दिन बाद ब्लड टेस्ट किया जायेगा जिससे आईवीएफ की सफलता या विफलता का पता लगेगा.
आईवीएफ कितने दिन में होता है?
आईवीएफ चक्र को पूरा होने में 4 से 6 सप्ताह लगते हैं। इतने समय में आईवीएफ की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी जैसे परामर्श, अंडा पुनर्प्राप्ति, शुक्राणु संग्रह, निषेचन, भ्रूण स्थानांतरण और गर्भावस्था परीक्षण।
आईवीएफ प्रक्रिया हर मरीज के लिए समान होती है लेकिन मरीजों का शरीर अलग होता है। तो अलग-अलग मरीज़ अलग-अलग तरीके से जवाब देते हैं।
आईवीएफ में कितने इंजेक्शन लगते हैं?
आईवीएफ में 10 से 40 इंजेक्शन दिए जाते हैं। एक दिन में एक या दो इंजेक्शन दिया जाता है ये हार्मोनल इंजेक्शन होते हैं अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए। इंजेक्शनों को लेने के बाद अंडों का उत्पादन बढ़ जाता है और जब ये अंडे परिपक्व हो जाते हैं तो इन्हें निषेचन में इस्तमाल किया जाता है। 8 से 14 दिन के लिए लगातर इंजेक्शन लगाया जाता है। इंजेक्शन की संख्या मरीज़ पर भी निर्भर है। मरीज़ के मामले के अनुसार इसमे उतार चढ़ाव हो सकता है।
आईवीएफ क्यों करा जाता है?
आईवीएफ कराने का एक मुख्य कारण बांझपन है, एक ऐसी स्थिति जिसके कारण दम्पति प्राकृतिक प्रक्रिया से अपने बच्चे को जन्म नहीं दे सकते। यदि दम्पति एक वर्ष से अधिक समय तक प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे बांझपन से जूझ रहे हैं।
आईवीएफ चुनने का दूसरा कारण क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब, कम डिम्बग्रंथि रिजर्व या जोड़ों की बढ़ती उम्र है।
तीसरा कारण एंडोमेट्रियोसिस है, क्योंकि यह अंडे की गुणवत्ता, आरोपण को प्रभावित कर सकता है और संभावित रूप से अवरुद्ध ट्यूबों को जन्म दे सकता है।
चौथा कारण अस्पष्टीकृत बांझपन है, जब अन्य जांच के बाद बांझपन का कारण स्पष्ट नहीं होता है, तो आईवीएफ एक सफल उपचार विकल्प हो सकता है।
IVF प्रक्रिया में कितना खर्च आता है?
IVF प्रक्रिया में लगने वाला खर्च कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कि क्लिनिक की लोकेशन, डॉक्टर की विशेषज्ञता, दंपति की हेल्थ कंडीशन और कितने चक्र (cycles) की जरूरत पड़ती है। भारत में एक IVF चक्र का खर्च आमतौर पर ₹70,000 से ₹2,50,000 के बीच होता है।
अगर दंपति को दवाइयाँ ज्यादा समय तक लेनी पड़ें, एग डोनर या सरोगेसी की ज़रूरत हो, या फिर दो से ज़्यादा चक्र करने पड़ें, तो कुल खर्च ₹4 से ₹6 लाख या उससे ज्यादा भी हो सकता है। कुछ अस्पताल पैकेज भी देते हैं जिनमें कंसल्टेशन, दवाइयाँ और प्रोसीजर शामिल होते हैं। खर्च जानने के लिए किसी अच्छे IVF क्लिनिक से सलाह लेना सबसे सही रहेगा।
निम्नलिखित आपको भारत में IVF की लागत को समझने में मदद करता है:
भारत में IVF उपचार के प्रकार | भारत में IVF उपचार की लागत (INR) |
भारत में स्व-अंडे और शुक्राणु के साथ IVF की लागत | INR 1,50,000 |
भारत में ICSI के साथ IVF की लागत | INR 1,65,000-1,85,000 |
भारत में डोनर अंडे के साथ IVF की लागत | INR 2,06,000-3,00,000 |
भारत में डोनर शुक्राणु के साथ IVF की लागत | INR 2,10,000 |
भारत में लेजर असिस्टेड हैचिंग (LAH) के साथ IVF की लागत | INR 2,10,000-2,20,000 |
भारत में डोनर भ्रूण के साथ IVF की लागत | INR 2,05,000-3,00,000 |
भारत में PGD तकनीक के साथ IVF की लागत | INR 3,00,000 |
नीचे दी गई टेबल आपको आईवीएफ लागत के बारे में बताएगी:
आईवीएफ अलग स्थान पर | भारत के विभिन्न स्थानों में आईवीएफ की लागत |
दिल्ली में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
मुंबई में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹354000 |
बैंगलोर में आईवीएफ लागत | ₹155000 – ₹365000 |
उत्तर प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹138000 – ₹310000 |
उत्तराखंड में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
तेलंगाना में आईवीएफ लागत | ₹147000 – ₹310000 |
पंजाब में आईवीएफ लागत | ₹140900 – ₹310000 |
मध्य प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
ओडिशा में आईवीएफ लागत | ₹126000 – ₹310000 |
राजस्थान में आईवीएफ लागत | ₹154000 – ₹310000 |
झारखंड में आईवीएफ लागत | ₹142000 – ₹310000 |
बिहार में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
आंध्र प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
असम में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
गुजरात में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
भारत में IVF लागत का विवरण
परामर्श शुल्क: यह बांझ दंपतियों और प्रजनन विशेषज्ञ के बीच चर्चा है। भारत में परामर्श की औसत लागत ₹500 से ₹2000 के बीच है। हालाँकि, IVF से पहले आवश्यक परामर्शों की संख्या के आधार पर लागत बढ़ सकती है।
दवा शुल्क: IVF प्रक्रिया में अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए हार्मोनल दवाओं और भ्रूण स्थानांतरण के लिए गर्भाशय को तैयार करने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। इसलिए IVF के लिए आवश्यक दवाओं और खुराक की लागत प्रति चक्र लगभग ₹15000 से ₹60000 हो सकती है।
अंडा पुनर्प्राप्ति और भ्रूण निर्माण: अंडा पुनर्प्राप्ति अंडाशय से अंडे को निकालना है, और भ्रूण निर्माण एक प्रयोगशाला डिश में अंडे और शुक्राणु का संयोजन है जिससे भ्रूण बनता है। इस चरण की लागत लगभग 50000 से 100000 रुपये है।
भ्रूण स्थानांतरण: गर्भावस्था को विकसित करने के लिए भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। तो, इस कारक के लिए, 15000 से 30000 रुपये की आवश्यकता होती है, और यह वास्तविक लागत है।
पीजीडी (प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस) और (इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन): पीजीडी और आईसीएसआई दो अतिरिक्त प्रक्रियाएं हैं जो आनुवंशिक मुद्दों और पुरुष बांझपन जैसे मामलों में फायदेमंद हैं। यह कारक 50000 से 100000 के बीच होता है।
IVF से जुड़ी सावधानियाँ
प्रक्रिया के दौरान महिला को हार्मोनल बदलावों का सामना करना पड़ सकता है।
थकान, मूड स्विंग, पेट में भारीपन जैसी हल्की समस्याएं हो सकती हैं।
डॉक्टर की सलाह और नियमित चेकअप बहुत जरूरी होता है।
सही समय पर दवाएं और इंजेक्शन लेना बेहद ज़रूरी होता है।
IVF की सफलता की दर क्या है?
भारत में 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं के लिए औसत IVF सफलता दर प्रति चक्र लगभग 50% से 65% है। बढ़ती उम्र के साथ सफलता दर कम होती जाती है। यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि जोड़े की उम्र, खास तौर पर महिलाओं की, IVF की सफलता प्राप्त करने के लिए शामिल IVF प्रयासों की संख्या, उन्नत तकनीक और नवीनतम तकनीकों का उपयोग जो सफलता दर को बढ़ा सकते हैं, और प्रजनन डॉक्टरों या IVF विशेषज्ञों का अनुभव और विशेषज्ञता. IVF की सफलता महिला की उम्र और हेल्थ पर निर्भर करती है।
- 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में सफलता दर 50–60% तक हो सकती है।
- 35–40 साल के बीच यह दर 30–40% तक रहती है।
- 40 के बाद सफलता की संभावना कम हो जाती है, लगभग 10–20%
अगर आईवीएफ फेल हो जाए तो क्या करें
1. शांत रहें और खुद को समय दें
IVF का फेल होना बहुत भावनात्मक क्षति देता है, लेकिन यह अंत नहीं है। पहली बात खुद को दोष न दें। IVF में असफलता आम है, और कई लोग दूसरी या तीसरी बार में सफल होते हैं।
कुछ दिन खुद को संभालने के लिए समय दें:
- घूमने जाएँ
- योग/ध्यान करें
- भावनाएँ साझा करें
- पार्टनर से बात करें
2. अपने डॉक्टर से चर्चा करें
IVF फेल होने के बाद डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है। वह आपके केस को दोबारा देखेंगे और यह पहचानने में मदद करेंगे कि असफलता का संभावित कारण क्या हो सकता है।
डॉक्टर निम्नलिखित रिपोर्ट्स की समीक्षा कर सकते हैं:
- भ्रूण की गुणवत्ता रिपोर्ट
- हार्मोनल रिपोर्ट
- एंडोमेट्रियल थिकनेस
- इम्यूनोलॉजिकल रिपोर्ट
3. बायोकेमिकल प्रेग्नेंसी या इंप्लांटेशन फेल्योर को समझें
कई बार HCG पॉजिटिव आता है लेकिन कुछ ही दिनों में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है — इसे बायोकेमिकल प्रेग्नेंसी कहा जाता है।
यदि भ्रूण गर्भाशय में इंप्लांट नहीं हो पा रहा है, तो इसे इंप्लांटेशन फेल्योर कहते हैं। दोनों के कारणों और उपचार अलग होते हैं।
4. एडवांस टेस्ट करवाएं
यदि पहली या दूसरी IVF फेल हो जाए, तो डॉक्टर कुछ विशेष टेस्ट करवा सकते हैं:
- ERA Test (Endometrial Receptivity Array)
यह बताता है कि गर्भाशय भ्रूण ग्रहण करने के लिए तैयार है या नहीं। - PGT-A या PGT-M टेस्ट
भ्रूण में कोई जेनेटिक खराबी है या नहीं, यह जानने के लिए। - Immunological Panel
शरीर भ्रूण को अस्वीकार कर रहा है या नहीं। - Hysteroscopy
गर्भाशय के अंदर की सफाई या जांच।
5. भ्रूण फ्रीज का इस्तेमाल करें
अगर पिछले IVF साइकल में भ्रूण फ्रीज किए गए हैं, तो अगली बार बिना अंडाणु स्टिमुलेशन के भ्रूण ट्रांसफर किया जा सकता है। इसे Frozen Embryo Transfer (FET) कहते हैं और इसकी सफलता दर भी अच्छी होती है।
6. लाइफस्टाइल में सुधार करें
कई बार छोटी-छोटी चीजें IVF की सफलता में बड़ा असर डालती हैं। अपनी दिनचर्या में सुधार करें:
- धूम्रपान और शराब न पिएँ
- प्रोसेस्ड फूड से बचें
- योग और व्यायाम करें
- तनाव कम करें
7. एग या स्पर्म डोनर का विकल्प
यदि बार-बार IVF फेल हो रहा है और डॉक्टर की राय हो कि अंडाणु या स्पर्म की गुणवत्ता खराब है, तो डोनर अंडाणु या स्पर्म का विकल्प अपनाया जा सकता है।
8. सरोगेसी पर विचार करें
यदि महिला का गर्भाशय भ्रूण को स्वीकार नहीं कर रहा है या मेडिकल कारणों से गर्भधारण संभव नहीं है, तो सरोगेसी एक वैकल्पिक समाधान हो सकता है।
सबसे अच्छा आईवीएफ सेंटर कौन सा है?
भारत में कई टॉप रेटेड आईवीएफ केंद्र हैं, जिनमें इंदिरा आईवीएफ, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, क्लाउडनाइन फर्टिलिटी, बीएलके-मैक्स दिल्ली और गर्भागुडी आईवीएफ शामिल हैं। आपके लिए सबसे अच्छा केंद्र आपके स्थान, चिकित्सा आवश्यकताओं और बजट पर निर्भर करता है।
अगर आप हम पर छोड़ दे की कोनसा आईवीएफ सेंटर आपके लिए सही रहेगा तो हम आपको सेलेक्ट आईवीएफ को चुनने की सलाह देंगे क्योकि ये सबसे अच्छा आईवीएफ सेंटर है जो कपल्स की परेशानी को समझता है और सस्ते दामों पर आईवीएफ देता है. साथ ही साथ ये भी देखता है की कपल्स सक्सेसफुल आईवीएफ ट्रीटमेंट ले.
एक अच्छे फर्टिलिटी सेंटर को कैसे चुनें आईवीएफ के लिए?
हम समझते हैं कि आपके बांझपन उपचार के लिए सर्वोत्तम विकल्प का चयन करना कितना कठिन हो जाता है, लेकिन चिंता न करें, क्योंकि हमारे पास एक ऐसा उपाय है जो आपकी टेंशन को दूर कर देगा। हम आपको एक ऐसे सेंटर के बारे में बताएंगे जो कम दाम पर अच्छा आईवीएफ प्रदान करता है।
एक ऐसा सेंटर जहां मरीजों को एक अच्छा डॉक्टर से इलाज मिलता है, मरीजों को हमेशा अच्छा महसूस होता है क्योंकि डॉक्टर हमेशा उनके लिए खड़े होंगे। काउंसलिंग की मदद से आपकी सारी चिंताएं दूर हो जाएंगी। हम सभी प्रकार के बांझपन का इलाज देते हैं, तो आज ही हमसे संपर्क करें! भारत में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र का चयन करते समय निम्नलिखित कारकों पर विचार करें:
- आईवीएफ सेंटर जिसका फोकस सिर्फ मरीज की सहायता करना है
- आईवीएफ सेंटर जिस में पढ़े-लिखे डॉक्टर हो
- बुनियादी ढांचा जो अधिकतम आराम और खुशी के लिए अच्छी तरह से बनाया गया हो
- आईवीएफ सेंटर जाहा स्टाफ मरीज का सम्मान करता हो
- शुरुआत से ही पूरी प्रक्रिया में आपकी सहायता करता हो
- आईवीएफ सेंटर जो एक्स्ट्रा चार्ज ना करे
तो आप जब भी आईवीएफ ले तो इन बत्तो का ध्यान दे। तो, हमसे +91-9899293903 पर संपर्क करें ईमेल आईडी: [email protected]
भारत में IVF उपचार के लिए 3 सर्वश्रेष्ठ शहर
1. दिल्ली एनसीआर
दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और गाजियाबाद जैसे अपने पड़ोसी शहरों के साथ, भारत में IVF उपचारों के लिए एक प्रमुख केंद्र है। शहर में उन्नत तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों के साथ कुछ सबसे प्रसिद्ध प्रजनन केंद्र हैं।
दिल्ली एनसीआर की विशेषताएँ:
- Select IVF, BLK-Max, Nova IVF और इंटरनेशनल फ़र्टिलिटी सेंटर जैसे शीर्ष क्लीनिकों की उपलब्धता
- उच्च सफलता दर और कई प्रकार की प्रजनन सेवाएँ उपलब्ध हैं
- परिवहन और आवास विकल्पों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है
2. मुंबई
मुंबई आईवीएफ के लिए एक अच्छा स्थान है, यहाँ बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रजनन केंद्र हैं। यह पूरे भारत और विदेशों से रोगियों को आकर्षित करता है।
मुंबई की विशेषताएँ:
- उच्च योग्यता प्राप्त प्रजनन विशेषज्ञ
- आईसीएसआई, पीजीडी और अंडा फ्रीजिंग जैसी उन्नत प्रक्रियाएँ
- Select IVF, ब्लूम आईवीएफ और क्लाउडनाइन जैसे प्रसिद्ध केंद्र
3. कोलकाता
कोलकाता पूर्वी भारत में बेहतरीन प्रजनन सेवा प्रदान करता है। यह बिहार, असम, ओडिशा और पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश और नेपाल के जोड़ों के लिए एक पसंदीदा जगह है।
कोलकाता की विशेषताएँ:
- Select IVF, बाविशी फर्टिलिटी, घोष दस्तीदार इंस्टीट्यूट और इंदिरा आईवीएफ जैसे केंद्र वहाँ उपलब्ध हैं।
- कोलकाता में किफ़ायती पैकेज और विशेषज्ञ देखभाल
भारत के 3 सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र
- सेलेक्ट आईवीएफ (Select IVF)
सेलेक्ट आईवीएफ भारत में सबसे बड़े और सबसे भरोसेमंद प्रजनन केंद्रों में से एक है। यह अपने किफायती आईवीएफ पैकेज और उच्च सफलता दर के लिए जाना जाता है। क्लिनिक में उन्नत प्रयोगशालाएँ, अनुभवी प्रजनन विशेषज्ञ और व्यक्तिगत उपचार प्रोटोकॉल हैं।
“सेलेक्ट आईवीएफ” क्यों चुनें:
- 1,25,000+ सफल आईवीएफ गर्भधारण
- बंद कामकाजी कक्ष और 3डी अल्ट्रासाउंड जैसी उन्नत तकनीक
- उच्च कुशल और प्रशिक्षित आईवीएफ डॉक्टर है
- यह केंद्र भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है
- ये आईवीएफ सेंटर छिपी हुई कीमत नहीं लेता
- हर मरीज को देखभाल और सहायता प्रदान करता है
- इस सेंटर के पास देखभाल करने वाला और दोस्ताना स्टाफ है
- वर्ल्ड फर्टिलिटी सर्विसेज
वर्ल्डफर्टिलिटी सर्विसेज दुनिया के दी सबसे अच्छे सेंट्रो में से एक है. यहाँ हर प्रकार की फर्टिलिटी सर्विसेज है. वे आईवीएफ, आईसीएसआई, प्रजनन संरक्षण और दाता कार्यक्रम सहित कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं।
इस केंद्र को क्यों चुनें:
- अनुभवी भ्रूणविज्ञानी और प्रजनन एंडोक्रिनोलॉजिस्ट
- अत्याधुनिक IVF प्रयोगशालाएँ
- उच्च सफलता दर, विशेष रूप से 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं में
- फर्टिलिटी वर्ल्ड
फर्टिलिटी वर्ल्ड अपनी पेशेंट्स की देखभाल और मॉडर्न टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल कर पेशेंट का ट्रीटमेंट के लिए जाना जाता है। यह मातृत्व और प्रजनन सेवाओं को एक ही छत के नीचे करता है। ये फर्टिलिटी सेंटर पूर्ण रोगी सहायता के साथ विशेष आईवीएफ और प्रजनन उपचार प्रदान करते हैं।
इस केंद्र को क्यों चुनें:
- यह प्रजनन केंद्र उच्च रोगी संतुष्टि प्रदान करता है
- रोगियों को सकारात्मक परिणाम प्रदान करता है
- कुशल कर्मचारी हैं जो रोगियों को मार्गदर्शन करते हैं
- कुशल आईवीएफ सलाहकार और भ्रूणविज्ञानी
सेलेक्ट आईवीएफ (Select IVF) क्यों चुनें?
जब बात संतान सुख की हो, तो हर दंपति यही चाहता है कि वह एक ऐसे क्लिनिक का चयन करें जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हो, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उनका साथ दे। Select IVF एक ऐसा ही नाम है जिस पर हजारों परिवारों ने विश्वास किया है और अपनी खुशियों की नई शुरुआत की है।
Select IVF वर्षों से भारत और विदेशों में उच्च गुणवत्ता वाली फर्टिलिटी सेवाएं दे रहा है। यहां काम करने वाली डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम केवल मेडिकल एक्सपर्ट नहीं है, बल्कि वो लोग हैं जो मरीज की भावनाओं को समझते हैं और हर कदम पर उन्हें सहयोग देते हैं। चाहे पहली बार परामर्श हो या अंतिम एम्ब्रियो ट्रांसफर, यहां हर प्रक्रिया को अत्यधिक सावधानी और ईमानदारी से पूरा किया जाता है।
यहां की सबसे बड़ी ताकत है – व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान, मतलब हर मरीज की हालत, उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इलाज तय किया जाता है। Select IVF में किसी एक ही फॉर्मूले से सभी मरीजों का इलाज नहीं होता, बल्कि यहां इलाज को पूरी तरह पर्सनलाइज किया जाता है।
तकनीकी रूप से भी यह क्लिनिक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां ICSI, IUI, Egg Donation, Embryo Freezing, PESA, TESA और Surrogacy जैसी सभी प्रमुख प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, सभी टेस्ट और स्कैनिंग सुविधाएं भी एक ही छत के नीचे मिल जाती हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की जरूरत नहीं पड़ती।
Select IVF की एक और खूबी है – पारदर्शिता। यहां किसी भी तरह की छिपी हुई फीस नहीं होती। हर खर्च और हर प्रक्रिया को पहले से समझाया जाता है ताकि मरीज मानसिक रूप से तैयार हो सके। यही कारण है कि यहां आने वाले मरीज केवल भारत से ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, यूएई, अमेरिका, नाइजीरिया और अफ्रीका जैसे कई देशों से भी आते हैं।
Select IVF सिर्फ एक फर्टिलिटी क्लिनिक नहीं, बल्कि एक भरोसा है, जो हर दंपति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करता है।
अंत में
IVF एक ऐसी तकनीक है जो उन लोगों की मदद करती है जो बच्चा नहीं कर पा रहे होते हैं। यह एक सुरक्षित और कारगर तरीका है, जिससे बहुत से माता-पिता अपने सपने पूरे कर चुके हैं। इसमें डॉक्टर की मदद से अंडाणु और शुक्राणु को शरीर के बाहर मिलाकर गर्भ ठहराया जाता है। यह थोड़ा महंगा और समय लेने वाला हो सकता है, लेकिन सही इलाज से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। IVF आज के समय में एक बड़ी उम्मीद बन चुका है।
आईवीएफ में बच्चा किसका होता है?
IVF (In Vitro Fertilization) में बच्चा उसी पुरुष और महिला का होता है जिनका sperm और egg उपयोग किया गया हो।
आईवीएफ में शुक्राणु किसका होता है?
आईवीएफ प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जाने वाला शुक्राणु पुरुष साथी या कभी-कभी दाता से लिया जाता है। शुक्राणु की गुणवत्ता खराब होने पर शुक्राणु दाता की आवश्यकता होती है।
आईवीएफ कब करवाना चाहिए?
आपको बांझपन होने पर आईवीएफ उपचार करवाना चाहिए। बांझपन में अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त फैलोपियन ट्यूब, कम शुक्राणुओं की संख्या, कम डिम्बग्रंथि आरक्षित, अस्पष्टीकृत बांझपन आदि शामिल हैं।
आईवीएफ करवाने में कितने पैसे लगते हैं?
आईवीएफ की लागत में कई खर्च शामिल हैं जैसे दवा शुल्क, अंडा दाता या शुक्राणु दाता शुल्क, आईवीएफ डॉक्टर शुल्क, परामर्श शुल्क, स्क्रीनिंग या परीक्षण शुल्क आदि। इसलिए आईवीएफ की लागत 1.5 से 2.5 लाख के बीच होती है। यह लागत उपरोक्त खर्चों के आधार पर बढ़ या घट सकती है।
आईवीएफ का खर्च कितना आता है?
आईवीएफ एक तकनीकी और जटिल प्रक्रिया होने के कारण इसकी लागत थोड़ी अधिक होती है। भारत में एक सामान्य आईवीएफ चक्र का खर्च लगभग ₹1,20,000 से ₹2,50,000 या उससे अधिक भी हो सकता है। खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि किस क्लिनिक में इलाज हो रहा है, किन तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, दवाओं की मात्रा कितनी है और कितने चक्र (cycles) की आवश्यकता है। कभी-कभी एडवांस तकनीक जैसे आईसीएसआई, पीजीडी, या भ्रूण फ्रीजिंग का उपयोग भी लागत को बढ़ा सकता है।
आईवीएफ में किस अस्पताल की सफलता दर सबसे ज्यादा है?
आईवीएफ में सेलेक्ट आईवीएफ की सफलता दर सबसे ज्यादा है और ऐसा क्यों, क्यूकी सेलेक्ट आईवीएफ अच्छी टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है मरीज को इलाज देने के लिए। साथ ही साथ सेलेक्ट आईवीएफ हर एक छोटी बात पर ध्यान देता है। हर एक प्रोटोकॉल को फॉलो करता है जो जरूरी है।
प्रेग्नेंट होने के लिए आईवीएफ के कितने राउंड लगते हैं?
IVF से गर्भवती होने के लिए आमतौर पर 3 से 4 राउंड लगते हैं। हालाँकि, कुछ भाग्यशाली जोड़े पहले प्रयास में ही सफल हो जाते हैं।
आईवीएफ से बच्चा कैसे होता है?
आईवीएफ से बच्चा पाने के लिए दम्पतियों से अंडाणु और शुक्राणु एकत्रित किए जाते हैं। दोनों को प्रयोगशाला की डिश पर संयोजित कर भ्रूण प्राप्त किया जाता है, फिर भ्रूण को बच्चे के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर गर्भधारण कराया जाता है। 12 से 15 दिन के बाद रक्त परीक्षण के माध्यम से गर्भावस्था की जांच की जाती है। यदि आईवीएफ विफल हो जाता है तो दूसरा प्रयास किया जाता है।